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$* वफ़ा के खरीदार यहाँ मिलते हैं ,
मोहब्बत के बाज़ार यहाँ मिलते हैं ।
नहीं मिलता गर कुछ तो खुदा है,
वरना हर दर्द के बीमार यहाँ मिलते हैं ॥ *
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$* मुझे तदबीर से तकदीर बनाना नही आया ।
हंसने के लिए औरों को रुलाना नहीं आया ॥ *
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$* जीने के लिए ज़िन्दगी हर बार ही कम पड़ती है ।
मरने के लिए मौत तो एक बार ही काफ़ी है ॥ *
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$* रफ्तार ऐ ज़िन्दगी में कई और दौर होंगे ।
हर दौर में जो बदलें वो लोग और होंगे ॥ *
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$* ढूंढूं मैं आज तुझको किस राह किस डगर पर ।
मन्दिर की सीढियों पर या मस्जिद की रह गुज़र पर ॥ *
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$* ज़िन्दगी जीने की कीमत हैं यह अश्क,
मौत से मिटने की हकीकत हैं यह अश्क ।
यह अश्क नहीं होते तो क्या गम नहीं होते,
सब कुछ यूँही रहता पर शायद हम नहीं होते ॥ *
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$* हमें नाकाम होने की बुरी आदत ही सही ।
हमारी हार से ही पर तुम्हारी जीत होती है ॥ *
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$* जब कोई तुम्हारे साथ न हो , जब हाथों में कोई हाथ न हो ।
तब थाम के रातों का दामन , तुम ख्वाब में मेरे आ जाना ॥ *
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$* दूर तक आकाश के साए बिखरा देता हूँ ,
अपनी ज़मी को अपने ही पैरों तले छिपा लेता हूँ ,
अपनी साँसों को फिर से नया आगाज़ बना लेता हूँ ।
मैं जब भी खुदसे हार जाता हूँ ,
ख़ुद की हार को ही मकसद बना लेता हूँ,
फिर किसी रोज़ इसी मकसद को ,
अपने जीने का नया अंदाज़ बना लेता हूँ ॥ *
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$* मैं कभी बेनाम नहीं था , मैं कभी बदनाम नही था ।
$* मैं कभी बेनाम नहीं था , मैं कभी बदनाम नही था ।
पर नाम मेरा कोई नाम नहीं था, नाम मेरा कोई मुकाम नहीं था ॥ *
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Bahut sunder hai aapke sher aur gajal.
ReplyDeletegham na kar, gar khuda kaheen na mila...apne andar jhaank...woh tere andar rehne aaya hai.......
ReplyDeletehansne ke liye jo kisi ko rulaana na aaya.......tab toh tere haathon ki lakeeron mein tune khuda ko paya
ReplyDeletena mandir ki seedhiyon par, na masjid ki rehguzar par woh bastha hai.......woh toh tere mere zehen mein jageh talaashtha hai.......
ReplyDeleteye ashq na hote toh bhi hum hote...par hum, hum na hokar......koi pathar se taraasha murath hote.......
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