Sunday, June 7, 2009

$***** वो अक्सर याद करता है *******

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* जिंदगी जीने का अक्सर, यही दस्तूर होता है ।

उसे ही जीना पड़ता है , जो मरने को मजबूर होता है ॥ *

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* वो अक्सर भूल जाता है, जो दिल के पास है हर पल ।

वो अक्सर याद करता है, जो दिल से दूर होता है ॥ *

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* वो सपना पा ही जाते हैं, जिसे सपना ही रहना था ।

जिसे सच करना होता है, वो सपना चूर होता है ॥ *

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* वो बंधन बन्ध नहीं पाता, मेरी साँसों की कोशिश से ।

जिंदगी भर बन्ध के रहना ही, जिसे मंजूर होता है ॥ *

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* वो अक्सर दफन होता है , जो बेनाम होता है ।

उसे भी मिलना है मिटटी में, जो मशहूर होता है ॥ *

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7 comments:

  1. स्वागत है।

    "वो अक्सर दफन होता है , जो बेनाम होता है"
    थोड़ा प्रकाश डालेंगें?

    word verification रखा हो तो हटा दें। लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।

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  2. हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है......
    बहुत बढ़िया रचना... उसे भी मिलना है मिटटी में, जो मशहूर होता है ॥

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  3. वो बंधन बन्ध नहीं पाता, मेरी साँसों की कोशिश से ।

    जिंदगी भर बन्ध के रहना ही, जिसे मंजूर होता है ॥

    bahut sunder rachna hai!

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  4. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
    लिखते रहिये
    चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है
    गार्गी

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