$***** वो अक्सर याद करता है *******
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* जिंदगी जीने का अक्सर, यही दस्तूर होता है ।
उसे ही जीना पड़ता है , जो मरने को मजबूर होता है ॥ *
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* वो अक्सर भूल जाता है, जो दिल के पास है हर पल ।
वो अक्सर याद करता है, जो दिल से दूर होता है ॥ *
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* वो सपना पा ही जाते हैं, जिसे सपना ही रहना था ।
जिसे सच करना होता है, वो सपना चूर होता है ॥ *
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* वो बंधन बन्ध नहीं पाता, मेरी साँसों की कोशिश से ।
जिंदगी भर बन्ध के रहना ही, जिसे मंजूर होता है ॥ *
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* वो अक्सर दफन होता है , जो बेनाम होता है ।
उसे भी मिलना है मिटटी में, जो मशहूर होता है ॥ *
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स्वागत है।
ReplyDelete"वो अक्सर दफन होता है , जो बेनाम होता है"
थोड़ा प्रकाश डालेंगें?
word verification रखा हो तो हटा दें। लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
bahut bahut khoob!
ReplyDeletewah ! narayan narayan
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है......
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना... उसे भी मिलना है मिटटी में, जो मशहूर होता है ॥
वो बंधन बन्ध नहीं पाता, मेरी साँसों की कोशिश से ।
ReplyDeleteजिंदगी भर बन्ध के रहना ही, जिसे मंजूर होता है ॥
bahut sunder rachna hai!
आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
ReplyDeleteलिखते रहिये
चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है
गार्गी
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