Tuesday, June 9, 2009

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$* वफ़ा के खरीदार यहाँ मिलते हैं ,
मोहब्बत के बाज़ार यहाँ मिलते हैं ।
नहीं मिलता गर कुछ तो खुदा है,
वरना हर दर्द के बीमार यहाँ मिलते हैं ॥ *
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$* मुझे तदबीर से तकदीर बनाना नही आया ।
हंसने के लिए औरों को रुलाना नहीं आया ॥ *
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$* जीने के लिए ज़िन्दगी हर बार ही कम पड़ती है ।
मरने के लिए मौत तो एक बार ही काफ़ी है ॥ *
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$* रफ्तार ऐ ज़िन्दगी में कई और दौर होंगे ।
हर दौर में जो बदलें वो लोग और होंगे ॥ *
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$* ढूंढूं मैं आज तुझको किस राह किस डगर पर ।
मन्दिर की सीढियों पर या मस्जिद की रह गुज़र पर ॥ *
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$* ज़िन्दगी जीने की कीमत हैं यह अश्क,
मौत से मिटने की हकीकत हैं यह अश्क ।
यह अश्क नहीं होते तो क्या गम नहीं होते,
सब कुछ यूँही रहता पर शायद हम नहीं होते ॥ *
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$* हमें नाकाम होने की बुरी आदत ही सही ।
हमारी हार से ही पर तुम्हारी जीत होती है ॥ *
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$* जब कोई तुम्हारे साथ न हो , जब हाथों में कोई हाथ न हो ।
तब थाम के रातों का दामन , तुम ख्वाब में मेरे आ जाना ॥ *
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$* दूर तक आकाश के साए बिखरा देता हूँ ,
अपनी ज़मी को अपने ही पैरों तले छिपा लेता हूँ ,
अपनी साँसों को फिर से नया आगाज़ बना लेता हूँ ।
मैं जब भी खुदसे हार जाता हूँ ,
ख़ुद की हार को ही मकसद बना लेता हूँ,
फिर किसी रोज़ इसी मकसद को ,
अपने जीने का नया अंदाज़ बना लेता हूँ ॥ *
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$* मैं कभी बेनाम नहीं था , मैं कभी बदनाम नही था ।
पर नाम मेरा कोई नाम नहीं था, नाम मेरा कोई मुकाम नहीं था ॥ *
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5 comments:

  1. Bahut sunder hai aapke sher aur gajal.

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  2. gham na kar, gar khuda kaheen na mila...apne andar jhaank...woh tere andar rehne aaya hai.......

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  3. hansne ke liye jo kisi ko rulaana na aaya.......tab toh tere haathon ki lakeeron mein tune khuda ko paya

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  4. na mandir ki seedhiyon par, na masjid ki rehguzar par woh bastha hai.......woh toh tere mere zehen mein jageh talaashtha hai.......

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  5. ye ashq na hote toh bhi hum hote...par hum, hum na hokar......koi pathar se taraasha murath hote.......

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